Saturday, February 3, 2007

दलितमन के मसीहा



तोर होवय जय जयकार हो
अम्बेडकर बाबा जय होवय तोर।
दलित शोषित पिड़ित ल पहिचाने
दीन हीन के दुख ल जाने,
मनखे मनखे ल एक जाने,
तोर होवय जय जयकार हो ।

भारत के संविधान बनाके
जात पात के भेद मिटाके।
सब ला शिक्षा सब ला न्याय
समाज म समान अधिकार दिलाये।
तोर नमन करंव लाखों बार हो

सब झन ल, सोये ले जगाये,
टूरा टूरी ल पढ़े बर सिखाये
गिरे पड़े ल एक बनाये
अपन अधिकार बर लड़े बर सिखाये
तोर गुन के हावय भण्डार हो

जन जन म जागृति लाये
संविधान म अधिकार लाये
करोड़ों जन से एक लड़े
तभो ले तंय नई डरे
तोर साहस रहीस अपार हो

अम्बेडकर....................।

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