Saturday, February 3, 2007
पनिया अकाल-98
छत्तीसगढ़ म परे हे भइया,
पनिया अकाल ग।
जीव ह नई बाँचय भइया,
करन कोनो उपाय ग।
खेत म धान खड़े हावय,
छोड़त नइहे पानी ह ।
तीन महीना ले पानी बरसत हे
चूहत हवय छानी ह।
खेत,तरिया,नरवा, नदिया भरगे।
धान सर गे पानी म,
खाय बर नइये धान कोठी म,
जीव नई बाचय पनिया अकाल म,
सब झन करव चुर-मिल के उपाय रे,
छत्तीसगढ़ म परे हे भइया,
पनिया अकाल रे।
गांव म कल्लई माते हे,
लइका-पिचका सबे रोवंय,
गाय गरुआ भूखे मरय,
घर गांव होगे सुन्ना ग,
छत्तीसगढ़ म परे हे भइया,
पनिया अकाल ग।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment