Saturday, February 3, 2007

नशाबंदी



बीड़ी, तमाखू ल झन पिया ग
गुड़ाखू ल झन घिसव ग ।
दारू मंद ल झन पिया ग
पिये ले घन संपत्ति
तन के नाश होथे ।
तमाखू पीये खाये म
केंसर रोग हो जाथे ।
जेकर कोई दवा नइये ।
मंद दारू पीये ले
पूरा घर उजर जाथे ।
दारू पीये के बाद
कोई अपराध कर डारथे ।
तन ह खोखला अउ मन ह मर जाथे ।
चोरी डकैती हत्या अउ
दुराचारी हो जाथे ।
अपन तन अउ परिवार ल बचाना हे त
नशा मंस मदिरा ल छोड़व ग ।
मानुष तन बड़ मुश्किल म मिले हे
देश अउ समाज के विकास म लगावव गा ।
दारु, तमाखू, गुड़ाखू, मंद
बिड़ी ल छोड़व ग ।
जूवा चित्ती झन खेलव ग ।

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