Saturday, February 3, 2007

गिरौदपुरी मेला देखा देना



देखा देना जोड़ी मोर,
गिरौदपुरी मेला देखा देना ।
बहुत दिन ले सऊंख लागे है,
गिरौदपुरी जाये बर ।
जहां जाबो गुरु के दर्शन ल पाबो,
अपन चोला ल तार लेबो ।
अपन साथ म अपन परिवार
घलो तार लेबो ।
देखा देना जोड़ी मोर......

गिरौदपुरी म गुरुजी ह,
धूनी, तप लगाये हे ।
सदज्ञान अउ सतनाम के
दिव्य ज्ञान ल पाये हे ।
मनखे मनखे ल सत के
मारग बताये हे ।
मांस मदिरा झन खावव
जीव हत्या झन करव
सब जीव समान हे ।
देखा देना जोड़ी मोर.......

सोनाखन, गजमार, पहाड़ी ।
छाता पहाड़ जंगल हावय ।
शेर, चीता, भालू, हिरण,
बन भैंसा, सियार हावय ।
औंरा धौंरा, तेन्दू तरी,
धूनू ल रमावय
जोंक नदी महानदी के
जल अमृत हावय ।
गुरुजी के पद चिन्हा ह,
चम्मो पथरा म हावय ।
देखा देना जोड़ी मोर......

संत घासीदास के महिमा अपार हे,
सबो संत ल सतनाम लखाय हे,
सबो संत ल सतनाम लखाय हे,
मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर के झंझट म मत परो हो ।
घट घट म सतनाम बिराजे हे,
सतनाम के जाप करव
हंसा ल सत मारग बताये हे,
देखा देना जोड़ी मोर....

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